कुछ पाँव के निशां,
छोड़ आये हैं हम.
तेरे इश्क की मिसाल,
छोड़ आये हैं हम.
तमन्नाओ की लहरें-
मिटाती रहीं सपनों के टीले,
तेरे नाम की मशाल हर टीले पर-
जला आये हैं हम.
कुछ दूर नहीं फासला ,
लम्बा है बहुत,
युद्ध का कारवां जहाँ मे,
बिखरा है बहुत.
गुमनाम न हो हस्ती,
बस ये ही सोच लिए,
हर मन्दिर मे जाके,
दिया जला आये हैं हम.
टिमटिमाते तारों से –
ख्वाब लिए अब तो,
ज़िन्दगी के साथ बहारों को,
सजा आये हैं हम.
दीदार मे तेरे बैठे-
एक पंछी की तरह,
दरख़्त के हर पत्ते को,
खोज आये हैं हम.
anamika ने कहा:
bahut sundar likha hai aapne…………bhavpoorna
Sandeep Talwar ने कहा:
Kya Khub Likha hai Huzur… Har baar ek behtareen kavita…kya baat