कुछ  पाँव  के  निशां,
छोड़ आये  हैं  हम.
तेरे  इश्क  की  मिसाल,
छोड़ आये  हैं  हम.

तमन्नाओ  की  लहरें-
मिटाती  रहीं  सपनों  के  टीले,
तेरे  नाम  की  मशाल  हर  टीले  पर-
जला  आये  हैं  हम.

कुछ  दूर  नहीं  फासला ,
लम्बा  है  बहुत,
युद्ध  का  कारवां  जहाँ  मे,
बिखरा  है  बहुत.

गुमनाम  न  हो  हस्ती,
बस  ये  ही सोच  लिए,
हर  मन्दिर  मे  जाके,
दिया  जला  आये  हैं  हम.

टिमटिमाते  तारों  से –
ख्वाब  लिए  अब  तो,
ज़िन्दगी  के  साथ बहारों को,
सजा  आये  हैं  हम.

दीदार  मे  तेरे  बैठे-
एक  पंछी  की  तरह,
दरख़्त  के  हर  पत्ते  को,
खोज  आये  हैं  हम.